4 Jun 2011

फितरत बदलती जिंदगी

मत देख कि कोई शख्श गुनाहगार कितना है.


यह देख कि तेरे साथ वफादार कितना है.

ये मत सोच कि उसे कुछ लोगों से नफ़रत भी है.

यह देख कि उसको तुझसे प्यार कितना है.


मत देख कि वो तनहा क्यूँ बैठता है इतना.


ये देख कि उसे तेरा इन्तिज़ार कितना है.


ये मत पूछ उसको तुझसे प्यार कितना है.


उसको ये बता कि वो तेरा हक़दार कितना है.

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हर मुश्किल इम्तिहान नहीं होती.


मोहब्बत खामोश रहती है, बेजुबान नहीं होती.


एक एक कदम पर फितरत बदलती है जिंदगी.


जब हमको मंजिलों की पहचान नहीं होती.

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