2 Feb 2014

बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे / ग़ालिब

बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल[1] है दुनिया, मेरे आग
होता है शब-ओ-रोज़[2] तमाशा, मेरे आगे

इक खेल है औरंग-ए-सुलेमां[3] मेरे नज़दीक
इक बात है ऐजाज़-ए-मसीहा[4], मेरे आगे

जुज़[5] नाम, नहीं सूरत-ए-आ़लम[6] मुझे मंज़ूर
जुज़ वहम, नहीं हस्ती-ए-अशया[7], मेरे आगे

1 बच्चों का खेल
2 रात और दिन
3 सुलेमान नामक अवतार का राजसिंहासन
4 ईसा का चमत्कार जिनकी फूँक से मुर्दे जीवित हो उठते थे
5 के सिवा
6 संसार का अस्तित्व
7 अस्तित्व जैसी चीज़

होता है निहाँ[8] गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं[9] ख़ाक पे दरिया, मेरे आगे

मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा, मेरे आगे

सच कहते हो, ख़ुदबीन-ओ-ख़ुदआरा[10] हूँ, न क्यों हूँ
बैठा है बुत-ए-आईना[11] सीमा[12], मेरे आगे

फिर देखिये अन्दाज़-ए-गुलअफ़्शानी-ए-गुफ़्तार[13]
रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा[14], मेरे आगे

8 लुप्त
9 माथा
10गर्वितऔर आत्म-अलंकृत
11प्रिय का दर्पण
12विशेषकर
13बात का अंदाज़ यूँ कि जैसे फूल झड़ते हों
14मधुपात्र और मदिरा

नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है, मैं रश्क से गुज़रा
क्योंकर कहूँ, लो नाम न उनका मेरे आगे

ईमाँ[15] मुझे रोके है, जो खींचे है मुझे कुफ़्र[16]
काबा मेरे पीछे है, कलीसा[17] मेरे आगे

आशिक़ हूँ, पे माशूक़-फ़रेबी[18] है मेरा काम
मजनूं को बुरा कहती है लैला, मेरे आगे

ख़ुश होते हैं, पर वस्ल में, यूँ मर नहीं जाते
आई शबे-हिजराँ[19] की तमन्ना, मेरे आगे

है मौज-ज़न[20] इक क़ुल्ज़ुमे-ख़ूँ[21] काश! यही हो
आता है अभी देखिये क्या-क्या, मेरे आगे

गो हाथ को जुम्बिश[22] नहीं, आँखों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना[23], मेरे आगे

हमपेशा-ओ-हमशरब-ओ-हमराज़[24] है मेरा
'ग़ालिब' को बुरा क्यों, कहो अच्छा, मेरे आगे

15 धर्म
 16अधर्म
 17गिरजाघर
 18माशूक़ को रिझाने का काम
 19 विरह-रात्रि
 20लहरें मारता हुआ
 21 रक्त का समुद्र
 22हरक़त
 23शराब का प्याला और सुराही
 24सहव्यवसायी/सहपंथी,मेरे जैसा शराबी और विश्वासपात्र

2 comments:

  1. शानदार!!!! Very good,बहुत अच्छा .

    ReplyDelete
  2. शानदार!!!! Very good,बहुत अच्छा .

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...