10 Nov 2013

दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये / जिगर मुरादाबादी

दर्द बढ़ कर फुगाँ1 ना हो जाये
ये ज़मीं2 आसमाँ3 ना हो जाये

दिल में डूबा हुआ जो नश्तर4 है
मेरे दिल की ज़ुबाँ5 ना हो जाये

दिल को ले लीजिए जो लेना हो
फिर ये सौदा6 गराँ7 ना हो जाये

आह8 कीजिए मगर लतीफ़-तरीन9
लब तक आकर धुआँ ना हो जाये
1 फुगाँ: विलाप;
2 ज़मीं: पृथ्वी;
3 आसमाँ: आकाश
  4 नश्तर: चाकू;
  5 ज़ुबाँ: आवाज
  6 सौदा: सौदा;
  7 गराँ: महंगा
  8 आह: आह;
  9 लतीफ़ - तरीन: सुखद;

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