20 Dec 2010

चाहत का ऐसा मज़ा,

"हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का ऐसा मज़ा फ़राज़,
तुम लोगों से कहते फिरोगे, मुझे चाहो उसकी तरह"


- अहमद फ़राज़

"उंगलियां आज भी इसी सोच में ग़ुम है फ़राज़
उसने कैसे नये हाथ को थामा होगा"


- अहमद फ़राज़

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