18 Dec 2010

उदास होने का कोई सबब नहीं होता

कभी कभी तो छलक पड़ती है यूँही आंखें

उदास होने का कोई सबब नहीं होता

ख़ूबसूरत उदास ख़ौफ़ज़दा

वो भी है बीसवीं सदी की तरह

बशीर बद्र

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