11 Apr 2013

अशआर


1.      वहां  से  एक  पानी  की  बूँद    निकल  सकी  ,
तमाम  उम्र  जिन  आँखों  को  हम  झील  लिखते  रहे

2.      कल  मिला  वक़्त  तो  जुल्फें  तेरी  सुलझाउंगा  , आज  उलझा  हूँ  ज़रा  वक़्त  को  सुलझाने  में ..!!

3.      वो  कहते   हैं  की  अगर  नसीब  होगा  मेरा  तो  हम  उन्हें  ज़रूर  पाएंगे ,
हम  पूछते  हैं  उनसे  अगर  हम  बदनसीब  हुए  तो .. उनके  बिना  कैसे  जी  पाएंगे

4.      मैं चाहता था ख़ुद से मुलाक़ात हो मगर आईने मेरे क़द के बराबर नही मिले

5.      मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे, सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी वो सब जला लेगा
हज़ार तोड़ के आ जाऊं उस से रिश्ता मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा !!!!

6.      दुनिया  में  और  भी  वजह  होती  है  दिल  के  टूट  जाने  की
लोग  युही  मोहब्बत  को  बदनाम  किया  करते  है  !!

7.      वो  एक  ख़त , जो  उस  ने  कभी  लिखा  ही  नहीं
में  रोज्ज़  बैठ  कर  , उस  का  जवाब  लिखता  हूँ ..

8.      मुझ  से  कहती  है  तेरे  साथ  रहूँगी  सदा 
बहोत  प्यार   करती  है  मुझसे  उदासी  मेरी

9.      कोई  तो  मोल  लगाए  मेरी  हस्ती  का  
किसी  की  आँख  के  आंसू  खरीदने  हैं  मुझे


10.  जान  दे  देंगे  ये  हमारे  बस  मैं  है ,
हम  नहीं  करते  बात  सितारे  तोड़  लाने  की


11.  मैं  बद -दुआ  तो  नहीं  देता   उसको   मगर दुआ  यही  है  ,उसे  मुझ  सा    मिले  कोई 



12.  मुलाकाते  जरूरी  है  अगर  रिश्ते  बचाने  है ,
लगा  कर  भूल  जाने  से  तो  पौधे  भी  सुख  जाते  है

13.  तेज़  रफ़्तार  ज़िन्दगी  का  ये  आलम  है  के ,
 सुबह  के  गम  शाम  को  पुराने  हो  जाते  हैं

14.  कुछ इसलिये भी तुम से मोहब्बत है
मेरा तो कोई नहीं है तुम्हारा तो कोई हो

15.  मैं चाहता हूँ फिर से वो दिन पलट आयें
कि माँ के चुल्लू को मेरा गिलास होना पड़े

16.  माँ के सामने कभी खुलकर नहीं रोना,
जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती

17.  आंखें हैं कि उन्हें घर से निकलने नहीं देती
आंसू हैं कि सामान-ए-सफर बांधे हुए हैं

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