18 Dec 2011

मैं तो यादों के चरागों को जलाने में रहा

मैं तो यादों के चरागों को जलाने में रहा  
दिल कि दहलीज़ को अश्कों से सजाने मे रहा  

मुड़ गए वो तो सिक्को की खनक सुनकर 
मैं गरीबी की लकीरों को मिटाने में रहा

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