हर ज़ख्म नया पुराने ज़ख्मों की गिनती घटा देता है
जाने मुझे कब रखना उनके सितम का हिसाब आएगा
--अज्ञात
हमारा तजकिरा छोडो, हम ऐसे लोग हैं जिन को
मोहब्बत कुछ नहीं कहती, वफायें मार जाती हैं
--अज्ञात
लोग सीने में कैद रखते हैं
हमने सर पर चढ़ा लिया दिल को
--अज्ञात
दियो का कद घटाने के लिए रातें बड़ी करना ,
बड़े शेहरो में रहना हो तो बातें बड़ी करना
मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सबको नहीं आता ,
किसी को छोड़ना हो तो मुलाकातें बड़ी करना
--अज्ञात
अभी मसरूफ हूँ काफी, कभी फुरसत में सोचूंगा
के तुझको याद करने में, मैं क्या क्या भूल जाता हूँ
--अज्ञात
जाने मुझे कब रखना उनके सितम का हिसाब आएगा
--अज्ञात
हमारा तजकिरा छोडो, हम ऐसे लोग हैं जिन को
मोहब्बत कुछ नहीं कहती, वफायें मार जाती हैं
--अज्ञात
लोग सीने में कैद रखते हैं
हमने सर पर चढ़ा लिया दिल को
--अज्ञात
दियो का कद घटाने के लिए रातें बड़ी करना ,
बड़े शेहरो में रहना हो तो बातें बड़ी करना
मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सबको नहीं आता ,
किसी को छोड़ना हो तो मुलाकातें बड़ी करना
--अज्ञात
अभी मसरूफ हूँ काफी, कभी फुरसत में सोचूंगा
के तुझको याद करने में, मैं क्या क्या भूल जाता हूँ
--अज्ञात
No comments:
Post a Comment