3 Dec 2011

तो क्या बात हो

किताबों के पन्ने पलट कर सोचते हैं,
यूँ ही पलट जाये जिंदगी तो क्या बात हो |
तमन्ना जो पूरी हो ख्वावों में,
हकीक़त बन जाये तो क्या बात हो |

कुछ लोग मतलब के लिए ढूंढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात हो |
क़तल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाये तो क्या बात हो |
जो शरीफों की शराफत में  बात न हो,
एक शराबी कह जाये तो क्या बात हो |
जिंदा रहने तक तो ख़ुशी दूँगा सबको,
किसी को मेरी मौत से ख़ुशी मिल जाये तो क्या बात हो

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