2 Dec 2011

भीग गया पैराहन

भीग गया पैराहन तमाम, दोस्तों के आंसू पोंछने में!
क्यूँ कोई कन्धा हमें रोने के लिए नसीब ना हुआ?
नज़दीक तो आये कई हमसफ़र ज़िंदगी में,
किस्मत है अपनी ऐसी के कोई 'करीब' ना हुआ!

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