बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल[1]
है दुनिया,
मेरे आग
होता
है शब-ओ-रोज़[2] तमाशा,
मेरे आगे
इक खेल है
औरंग-ए-सुलेमां[3] मेरे नज़दीक
इक
बात है ऐजाज़-ए-मसीहा[4], मेरे आगे
जुज़[5]
नाम, नहीं सूरत-ए-आ़लम[6] मुझे मंज़ूर
जुज़
वहम, नहीं
हस्ती-ए-अशया[7], मेरे
आगे
1 बच्चों
का खेल
2 रात
और दिन
3 सुलेमान नामक अवतार का राजसिंहासन
4 ईसा
का चमत्कार जिनकी फूँक से मुर्दे जीवित हो उठते थे
5 के सिवा
6 संसार का अस्तित्व
7 अस्तित्व जैसी चीज़
होता
है निहाँ[8] गर्द
में सहरा मेरे होते
घिसता
है जबीं[9] ख़ाक
पे दरिया, मेरे
आगे
मत
पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू
देख कि क्या रंग है तेरा, मेरे आगे
सच
कहते हो, ख़ुदबीन-ओ-ख़ुदआरा[10]
हूँ, न क्यों हूँ
बैठा
है बुत-ए-आईना[11] सीमा[12],
मेरे आगे
फिर
देखिये अन्दाज़-ए-गुलअफ़्शानी-ए-गुफ़्तार[13]
रख
दे कोई पैमाना-ए-सहबा[14], मेरे आगे
8 लुप्त
9 माथा
10गर्वितऔर आत्म-अलंकृत
11प्रिय का दर्पण
12विशेषकर
13बात का अंदाज़ यूँ कि जैसे फूल झड़ते
हों
14मधुपात्र और मदिरा
नफ़रत
का गुमाँ गुज़रे है, मैं
रश्क से गुज़रा
क्योंकर
कहूँ, लो
नाम न उनका मेरे आगे
ईमाँ[15]
मुझे रोके है,
जो खींचे है
मुझे कुफ़्र[16]
काबा
मेरे पीछे है, कलीसा[17]
मेरे आगे
आशिक़
हूँ, पे
माशूक़-फ़रेबी[18] है
मेरा काम
मजनूं
को बुरा कहती है लैला, मेरे
आगे
ख़ुश
होते हैं, पर
वस्ल में, यूँ
मर नहीं जाते
आई
शबे-हिजराँ[19] की
तमन्ना, मेरे
आगे
है
मौज-ज़न[20] इक
क़ुल्ज़ुमे-ख़ूँ[21] काश!
यही हो
आता
है अभी देखिये क्या-क्या, मेरे आगे
गो
हाथ को जुम्बिश[22] नहीं,
आँखों में तो दम
है
रहने
दो अभी साग़र-ओ-मीना[23], मेरे आगे
हमपेशा-ओ-हमशरब-ओ-हमराज़[24]
है मेरा
'ग़ालिब'
को बुरा क्यों,
कहो अच्छा,
मेरे आगे
15 धर्म
16अधर्म
17गिरजाघर
18माशूक़ को रिझाने का काम
19 विरह-रात्रि
20लहरें मारता हुआ
21 रक्त का समुद्र
22हरक़त
23शराब का प्याला और सुराही
24सहव्यवसायी/सहपंथी,मेरे जैसा शराबी और विश्वासपात्र