18 Dec 2010

जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है

"कभी कभी यूं भी हमने अपने ही को बहलाया है
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है"



बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो

चार किताबें पढ़कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे"


निदा फ़ाज़्ली

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